sidh kunjika No Further a Mystery
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
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अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. check here इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.